Building House Ghar Makan Banate Samay Kin Bato Ka Dhyan Rakhe

हर व्यक्ति की सपना होता है कि उसका भी एक घर हो | जिसमें वह उसके परिवार के साथ ख़ुशी-ख़ुशी से रहे | लेकिन नया घर बनवाते समय बहुत सी बातो का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जैसे घर बनाते समय वास्तु का ध्यान रखे सुदर और मजबूत घर बनाने के लिए किन बातो का ध्यान रखे, मकान निर्माण में किस प्रकार की सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए इत्यादि | अगर आपने नया घर मकान बनवाते वक्त इन बातो का ध्यान नहीं रखा तो आपके सपनों का यह घर आपकी खुशिया बर्बाद कर देगा |

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  • भूख्ंड खरीदेते समय यह ध्यान अवश्य दें कि भूखंड सूर्यवेधी या चन्द्रभेदी है |
  • प्राथमिक रूप से भवन निर्माण के लिए वर्गाकार या आयताकार भूमि का ही चयन करना चाहिए | विकृत भूमि का चयन कदापि न करें |
  • भूखंड के सामने कोई धार्मिक स्थल नहीं होना चाहिए | मन्दिर की छाया पड़ने पर वह भवन रहने के योग्य नहीं रहता है |
  • भवन के सामने किसी प्रकार का अवरोध जैसे-टीला, बड़ा वृ़क्ष, बिजली का खंभा, ट्रासंफार्मर आदि नहीं होना चाहिए |
  • घर बनाने के लिए यहाँ जानना बहुत जरुरी है की मिट्टी नर्म है या कठोर |
  • परिवार की जरूरत के हिसाब से घर का नक्शा बनवाएं |
  • घर निर्माण से पहले किसी तकनीकी जानकर व्यक्ति से जानकारी लें |
मकान की नींव भरते समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मकानो का पूरा भार मकान की नींव पर होता है | इसलिए मकानों की नीव भरते समय हमें बहुत से बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए | मकान की नींव उस भार को नींव के नीचे की जमीन की सतह पर ट्रांसफर करती इसलिए सबसे पहले नींव को जमीन के नीचे की कठिन(हार्ड रॉक या मुरुम) सतह तक खोदना चाहिए | उसके बाद ईट, सीमेंट, बाजरी व पत्थर से नीव के निर्माण का कार्य शुरू करे | अपना खुद का मजबूत तथा सुंदर मकान, सुरक्षित और आनंदी जीवन के लिए बहुत जरूरी होता है | और नीव की खुदाई व निर्माण पर ध्यान देना बहुत जरुरी है |

नींव को भरने से पहले उसमें चांदी का बना हुआ नाग-नागिन का जोड़ा दबाया जाता है | हल्दी, 5 कौड़ियां, 5 साबुत सुपारी, रोली, पान के पत्ते, लौंग, इलायची, जौ, कपूर, आटा, चावल, काला तिल, पीली सरसों, धूप, हवन सामग्री, पंचमेवा, गाय का शुद्ध घी, तांबे की लुटिया में जल, एक नारियल, सिंदूर, लाल वस्त्र, घास, बताशे, पंच रत्न और पांच नई ईंटें रखकर विधिवत तरीके से पूजा करे |

घर के निर्माण के लिए सामग्री / सामान कैसा व किस प्रकार का हो यहाँ देखे Bhavan Nirman Ke Liye Samagri Ka Chayan Kaise Kare
  • मकान एक बार ही बनता है तो मटेरियल अच्छी क्वॉलिटी का उपयोग करें | मैटीरियल ब्रांडिड व टिकाऊ लगाएं |
  • गृह‍ निर्माण की सामग्री- ईंट, लोहा, पत्थर, मिट्टी और लकड़ी- ये नए मकान में नए ही लगाने चाहिए |
  • घर निर्माण में जैसे मसाला तैयार करने, ईंटो को गिला करने व तराई करने में शुद्ध पानी का इस्तेमाल करना चाहिए |
  • मसाले का अनुपात स्वयं बैठ कर नापें क्योंकि जो मजदूर आदि हैं उनकी गिनती पर आप भरोसा नहीं कर सकते | यदि यहाँ गिनने में गड़बड़ी हुई तो आपे घर के पिलर कहीं-2 कमजोर हो जायेंगे। यदि ऐसा छत के मसाले में हुआ तो बाद में छत कहीँ से चूने लगेगी |
  • मिस्तरी अच्छा व अनुभवी हो | कई लोग इस में पैसे बचाने के चक्कर में गलत मिस्तरी लगा कर घर को अच्छा नहीं बना पाते |
  • निर्माण में बाद कम से कम 20 दिन तक तराई करना चाहिए |
मकान बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
  • घर बनाते समय वास्तु का अधिक से अधिक ध्यान रखे |
  • भवन का ईशान यानी उत्तर पूर्व कोण घटा, कटा, गोल अथवा ऊंचा नहीं होना चाहिए | इसके अलावा दक्षिण पश्चिम कोण बढ़ा हुआ अथवा नीचा होना चाहिए |
  • मिट्टी डाल कर घर को कुछ समय के लिए छोड़ना अच्छा माना जाता है ताकि मिट्टी जम जाए |
  • मिट्टी के हिसाब से फाउंडेशन बनाना चाहिए जो कि इंजीनियर की निगरानी में होना चाहिए यदि आप वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार बनाना चाहते हैं घर तो भी बढ़िया है नक्शा वास्तु के हिसाब से बनवाए |
  • घर हमेशा बड़ा व चौड़ा होना चाहिए | क्योकि संकडा व लम्बा घर परेशानी का कारण बन सकता है |
  • घर का नक्शा बनवाते समय आपको अपने लिविंग के हिसाब से कमरे, रसोई और बाथरूम बनाना होता है |
  • नए घर की दीवार किसी अन्य इमारत से सटा नहीं होना चाहिए | कहने का तात्पर्य यह है की दो घरो में एक दिवार आम दीवार नहीं होनी चाहिए |
  • घर का मुख्य द्वार पूर्व के मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए |
  • उत्तर दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए | घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होनी चाहिए |
Ghar Banate Samay Kin Bato Ka Dhyan Rakhna Chahiye
  • बैडरूम को घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर बनाना चाहिए |
  • घर में स्नान घर को पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए |
  • बच्चो के पढाई का कमरा पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए |
  • घर में रसोई बनाने के लिए आग्नेय कोण को सबसे महत्वपूर्ण दिशा माना जाता है | इसलिए जब भी किचन बनाए तो आग्नेय कोण में ही बनाए |
  • घर का मंदिर को हमेशा उत्तर पूर्वी दिशा में बनवाना चाहिए क्योकि सुख-सम्रद्धि व शांति में वृद्धि होती है |
  • भवन में एक सीध में दो दरवाजे नहीं रखने चाहिए | इससे सकारात्मक उर्जा घर में नहीं टिकती है |
  • घर का टॉयलेट बनाने के लिए सबसे अच्छा स्थान दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा को माना जाता है |
  • मकान बनाते समय सीढ़ी हमेंशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही बनाना चाहिए |
  • घर में सूर्य का प्रकाश व प्राकृतिक हवा अवश्य आनी चाहिए।
  • भवन की नाली उत्तर दिशा में ही होनी चाहिए यानि पानी का बहाव उत्तर की ओर होना शुभ माना जाता है |
  • शौचालय-स्नान ग्रह बड़े, प्रकाश युक्त व हवादार होने चाहिये |
  • रसोई भी बड़ी व हवादार होने चाहिये | धुआ निकलने का उचित प्रबन्ध होना चाहिये |
  • घर में बनाई गई सभी खिड़कियाँ उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए | ऐसा करने से घर की बरकत बनी रहती हैं |
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