Gandhi Jayanti Essay in Hindi गांधी जी पर निबंध हिंदी में

  • 02-10-2023
  • Anil Saini

Gandhi Jayanti Essay in Hindi गाँधी जयंती पर निबंध हिंदी में Gandhi Jayanti Par Nibandh Hindi Main (Essay On Gandhi Jayanti In Hindi) गांधी जी पर निबंध हिंदी में 2 अक्टूबर पर निबंध 2 October Essay Nibandh in Hindi गांधी जयंती पर 10 लाइन महात्मा गांधी पर निबंध 500, 200, 1000 शब्दों में Gandhi Jayanti Essay 2022 in Hindi For School & College Students. 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती के मौके पर लगभग देश की सभी शैक्षिक संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं | इन्ही में से एक मुख्य है गाँधी जयंती निबंध लेखन प्रतियोगिता | विद्यार्थी जो 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती के मौके पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे है और अपनी बेस्ट परफोर्मेंस देना चाहते है तो यहाँ दिए गए तरीके से अगर आप गांधी जयंती पर निबंध लिखेंगे तो हर कोई हैरान हो जाएगा | हमने यहाँ बहुत ही सरल भाषा का प्रयोग करते हुए यूनिक शब्दों के साथ गाँधी जयंती पर निबंध और गाँधी जयंती पर निबंध लिखने का तरीका दिया है | आप इस Gandhi Jayanti Essay in Hindi व गाँधी जयंती पर निबंध लिखने के तरीके को अपनाकर अच्छा प्रदर्शन दे सकते है |

Gandhi Jayanti Essay in Hindi गाँधी जयंती पर निबंध हिंदी में 2 October Essay Nibandh

हमारे देश में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती एक राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाई जाती है | यह दिन भारतवर्ष में बहुत महत्त्व रखता है क्यूंकि सन् 1869 में आज ही के दिन हमारे राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था | जिन्होंने आगे चलकर भारत को अंग्रेज़ों की 200 सालों की लम्बी गुलामी से आज़ादी दिलाई थी | महात्मा गांधी, जिन्होंने “राष्ट्रपिता” या “राष्ट्रपिता” की उपाधि दी है, उन्हें “बापू” के नाम से भी पुकारा जाता है | वे शांति (सत्य) और अहिंसा के महान अनुयायी थे | उन्हें भारत के लिए स्वतंत्रता संग्राम के नेता के रूप में माना जाता है और उनकी सादगी और सिद्धांत अनुयायी के लिए उनकी बहुत सराहना की जाती है | इसलिए, उनके जन्मदिन पर, 2 अक्टूबर, गांधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है और लोग उनके उपदेशों और सिद्धांतों को याद करने में अपना योगदान देते हैं | सबसे बड़ी बात तो ये है की गाँधी जयंती सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि कई देशों में भी मनाई जाती है | संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 को गाँधी जी के अहिंसा के सिद्धांतों की सराहा करते हुए 2 अक्टूबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया | जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी के दर्शन, उनकी अहिंसा और शांति की शिक्षाओं का प्रसार करना है | महात्मा गाँधी के विचारों ने न सिर्फ हमारे देश का मार्गदर्शन किया बल्कि पूरे विश्व को भी अहिंसा की राह दिखाई | मोहनदास करमचन्द गान्धी का जन्म पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था | गाँधी जी माता पुतलीबाई और पिता करमचंद गाँधी की सबसे छोटी संतान थे | उनका व्यापारी वर्ग का परिवार था | गाँधी जी एक साधारण से दिखने वाले असाधारण व्यक्ति थे | जिन्होंने अपने अहिंसावादी सोच और सिद्धांतों से पूरे देश की सत्ता बदल दी थी | महात्मा गाँधी का विवाह 13 साल की उम्र में उनसे एक साल बड़ी कस्तूरबा गाँधी से हो गया था | और इस के कुछ समय बाद (24 साल की उम्र में) उन्हें वकालत की पढाई के लिए 1888 में इंग्लैंड भेज दिया गया | 4 साल बाद वो पढ़ाई पूरी कर बैरिस्टर बनके भारत लौटे | भारत लौटने के बाद, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए | अपनी कड़ी मेहनत के लिए इस समय, वह कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्होंने न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए काम किया है, बल्कि उन्होंने कई तरह की सामाजिक बुराइयों जैसे अस्पृश्यता, जातिवाद, महिला अधीनता, आदि के लिए भी लड़ाई लड़ी और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी की | उन्होंने 1917 में पहला आंदोलन चलाया बिहार के चम्पारण जिले में। ये किसानों को अंग्रेज़ों द्वारा जबरदस्ती नील की खेती कराये जाने को लेकर थी। उन्होंने इस आंदोलन के माध्यम से किसानों को इस से मुक्ति दिलाई। इसके बाद इसी वर्ष में उन्होंने गुजरात के खेड़ा जिले में आंदोलन किया जिसमें उन्होंने जिले में बाढ़ और अकाल की स्थिति होने के बाद भी सरकार द्वारा लगान वसूले जाने को लेकर अहिंसक विरोध किया। इस विरोध के चलते फिर अंग्रेजी हुकूमत को समझौता करने के लिए हामी भरनी पड़ी। इन्ही आन्दोलनों की सफलता के बाद उनकी कीर्ति देश भर में फैली और उन्हें गुरु रबिन्द्र नाथ टैगोर द्वारा “महात्मा” और सुभाषचंद्र बोस द्वारा “राष्ट्रपिता” की उपमा दी गयी। इसके अतिरिक्त देशभर में उनके सम्मान में उन्हें सब महात्मा और बापू कह कर पुकारने लगे। गांधी जयंती, बापू और उनके महान कार्यों को याद करने के लिए पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों, सरकारी अधिकारियों आदि के छात्रों और शिक्षकों द्वारा कई अभिनव तरीकों से मनाई जाती है | और इस दिन सभी सरकारी कार्यालय व शैक्षणिक संस्थाओ की छुट्टी रहती है | राज घाट बापू का दाह संस्कार स्थल है, जिसे माला और फूलों से सजाया गया है | समाधि पर गुलदस्ते और फूल चढ़ाकर इस महान नेता को श्रद्धांजलि दी जाती है | भारत के राष्ट्रीय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए व सम्मान की पेशकश करते हुए लोग अपने पसंदीदा भक्ति गीत “रघुपति राघव राजा राम” गाते हैं |

Gandhi Jayanti Shayari 2023 महात्मा गांधी जयंती पर शायरी

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Essay on Gandhi Jayanti in Hindi/गांधी जयंती पर निबंध/Gandhi Jayanti per Essay/Essay On 2 October

Gandhi Jayanti Essay 10 Line in Hindi गांधी जी पर निबंध हिंदी में

  • हर साल देश में 2 अक्टूबर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गांधी जयंती मनाई जाती है | उन्हें देश का राष्ट्रपिता कहा जाता है और बापू के नाम से भी बुलाया जाता है |
  • महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को आजादी दिलाई और सभी को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया | गाँधी जी के लिए आजादी का ये सफर बापू के लिए आसान नहीं था | उन्हें लड़ाई लड़ते हुए कई बार जेल जाना पड़ा और अनशन भी करना पड़ा | लेकिन उनकी प्रतिज्ञा अटल थी |
  • गांधी जयंती के दिन राजघाट के समाधि स्थल को फूलों से सजाया जाता है और देश के राष्ट्रपिता को याद किया जाता है | साथ ही समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है |
  • महात्मा गांधी के जन्मदिवस के दिन बापू की याद में रघुपति राघव राजा राम गीत भी गाया जाता है |
  • सभी स्कूलों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है | साथ ही इन प्रतियोगिताओं में विजयी होने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जाता है |
  • गांधी केवल युवाओं के लिए ही प्रेरणास्त्रोत नहीं बल्कि नेताओं के लिए भी प्रेरणा देने का कार्य करते हैं | दुनिया भर के बड़े नेता जैसे मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, जेम्स लॉसन आदि महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हुए थे |
  • गांधी जी ने अपने विचारों और अपने जीवन को शब्दों के माध्यम से उकेरा और किताबें लिखीं |
  • उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे छुआछूत और लिंग भेद के लिए खिलाफ हमेशा आवाज उठाई | गांधी चाहते थे कि भारत में एक समाज का निर्माण हो जहां सभी लोग बराबर हो और किसी के बीच मतभेद न हो |
  • गांधी जी के विचारों को अपनाकर हम अपने भविष्य को संवार सकते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं | इस खास दिन पर हमें यह शपथ लेनी चाहिए कि उनके विचारों को हम अपने जीवन में उतार कर सफलता प्राप्त करें |

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