Guru Gobind Singh Wikipedia Updesh Kahani Life Story गुरु गोबिंद सिंह जी के उपदेश जीवन कहानी
Guru Gobind Singh Wikipedia History Life Story Guru Gobind Singh Birthday Date Guru Gobind Singh ke Updesh Guru Gobind Singh Ji Ki Kahani Jivan Parichya : Guru Gobind Singh Jayanti marks the auspicious day where Sikhs celebrate the birthday of the 10th Guru Gobind Singh. In this article, you can get all the information related to Guru Gobind Singh Wikipedia Jivan Kahani like guru gobind singh jayanti kab hai guru gobind singh birthday date guru gobind singh jayanti kab manaya jata hai etc. Tell you that special preparations are made about Guru Gobind Singh Jayanti, especially among the people of the Sikh community.
Guru Gobind Singh Wikipedia History Updesh Birthday Date Guru Gobind Singh Ji Ki Jivan kahani Parichya
Guru Gobind Singh Wikipedia Birth Date History : 2024 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती 17 जनवरी को मनाई जावेगी | गुरु गोबिंद सिंह जी सीखो के 10 वे गुरु थे | गुरु गोविंद सिंह का जन्म नौवें सिख गुरु के घर पटना के साहिब में पौष शुक्ल सप्तमी संवत् 1723 यानि की 22 दिसम्बर 1666 को हुआ था | उनके बचपन का नाम गोविन्द राय था | 1670 में गुरु गोबिंद सिंह का परिवार पंजाब में आ गया | पटना में जिस घर में उनका जन्म हुआ था और जिसमें उन्होने अपने प्रथम चार वर्ष बिताये थे, वहीं पर अब तखत श्री पटना साहिब स्थित है |
गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे | 1699 बैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी यह दिन सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है | कहा जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई की राह पर चलते हुए ही गुजार दी थी | गुरु गोबिंद सिंह का उदाहरण और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती है | वर्ष 2022 में गुरु गोबिंद सिंह जी की 356वी जयंती है | गुरु गोबिंद सिंह जयंती सिख धर्म के लोग बड़े धूम धाम से मनाते है | आइये देखते है - गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवन कहानी Guru Gobind Singh Wikipedia.
Short Biography of Guru Gobind Singh Ji | Guru Gobind Singh Ji Ka Jivan Parichya
Guru Gobind Singh Date of Birth | 22 December 1666 |
Guru Gobind Singh Born Place | Patna Sahib, Bihar |
गुरु गोबिंद सिंह के बचपन का नाम | गोबिन्द राय |
Guru Gobind Singh Died Date | 7 October 1708 (aged 41) |
Guru Gobind Singh Died Place | Nanded, Maharashtra |
पदवी | सिखों के दसवें गुरु |
प्रसिद्धि कारण | दसवें सिख गुरु, सिख खालसा सेना के संस्थापक एवं प्रथम सेनापति |
पूर्वाधिकारी | गुरु तेग बहादुर |
उत्तराधिकारी | गुरु ग्रंथ साहिब |
जीवनसाथी | माता जीतो, माता सुंदरी, माता साहिब देवां |
बच्चे | अजीत सिंह जुझार सिंह जोरावर सिंह फतेह सिंह |
माता-पिता | गुरु तेग बहादुर, माता गूजरी |
Guru Gobind Singh Wikipedia in Hindi Guru Gobind Singh Ji Ki Kahani
Guru Gobind Singh History Biography In Hindi : गुरु गोविंद सिंह का जन्म नौवें सिख गुरु गुरु तेगबहादुर और माता गुजरी के घर पटना में 26 दिसंबर 1666 को हुआ था | जब गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था तब उनके पिता असम में धर्म उपदेश को गये थे | गुरु गोविंद सिंह की शिक्षा हिमालय के शिवालिक पहाड़ियों में स्थित चक्क नानकी नामक स्थान पर आरम्भ हुई | उन्होंने फारसी, संस्कृत की शिक्षा ली और एक योद्धा बनने के लिए सैन्य कौशल सीखा | चक्क नानकी जहा गुरु गोविंद सिंह ने शिक्षा आरम्भ की वह आजकल आनन्दपुर साहिब के नाम से प्रसिद्ध है |
Guru Gobind Singh Ji Ki Jivani गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनी
गरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा कर गुरु रूप में सुशोभित किया | गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे उन्होंने धर्म के लिए समस्त परिवार का बलिदान किया | जिसके लिए उन्हें 'सरबंसदानी' (सर्ववंशदानी) भी कहा जाता है | गुरु गोविंद सिंह कलगीधर, दशमेश, बाजांवाले आदि कई नाम, उपनाम व उपाधियों से भी जाने जाते हैं |
गुरु गोविंद सिंह जी ने सदा प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया | उनकी मान्यता थी कि मनुष्य को किसी को डराना नहीं चाहिए और न किसी से डरना चाहिए | उनकी वाणी में मधुरता, सादगी, सौजन्यता एवं वैराग्य की भावना कूट-कूटकर भरी थी | उनके जीवन का प्रथम दर्शन ही था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य की सदैव विजय होती है | गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई की राह पर चलते हुए ही गुजार दी थी | गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु 42 वर्ष की उम्र में 7 अक्टूबर 1708 को नांदेड़, महाराष्ट्र में हुई |
Guru Gobind Singh Jayanti Shayari Wishes Message Quotes SMS
गुरु गोबिंद सिंह जयंती की हार्दिक शुभकामना व लख-लख बधाईया
Download Guru Gobind Singh Jayanti Images Photo Pics HD Wallpaper
Guru Gobind Singh Quotes Thoughts In Hindi गुरु गोबिंद सिंह जी के अनमोल वचन सुविचार
Guru Gobind Singh Ke Updesh गुरु गोबिंद सिंह के उपदेश
- शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना अर्थात खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी का अभ्यास जरूर करें |
- बचन करके पालना अर्थात अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें | आपने जिस भी किसी से भी कोई वादा किया है उसको हर हाल में पूरा करें चाहे इसके लिए अपना बलिदान ही क्यों ना करना पड़े |
- किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना अर्थात अपने जीवनकाल में कभी किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने की बजाय मेहनत करें | चुगली-निंदा और ईर्ष्या से समय और शक्ति दोनों का नुकसान होता है और मिलता कुछ भी नहीं है |
- जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना अर्थात किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें | नशा और तंबाकू से हमेशा आपके स्वास्थ्य और धन का नुकसान होगा | तंबाकू सेवन को तो गुरु ने सख्त मना किया है |
- परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी अर्थात किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता जरूर करें | ऐसा करने से आपके मन में अंदरूनी खुशी मिलेगी, इससे आपको मानिसक शांति मिलेगी |
- दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध अर्थात दुश्मन से लड़ने से पहले हमेशा ध्यान रखना होगा कि आप पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें | सही रणनीति से ही आप युद्ध में जीत हासिल कर सकते हैं, यह बातें केवल जंग के मैदान के लिए ही नहीं है बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हैं |
- धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना अर्थात जवानी, जाति और धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें | अभिमानी होने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं और एक दिन बड़ी असफलता उसके हाथ लगती है | गुरु ने ऐसा इसलिए कहा है कि धर्म, जाति और जवानी किसी की हमेशा एक नहीं रहती | क्या पता अगले जन्म में आप क्यों हों और इससे पहले क्या रहे हों |
- कम करन विच दरीदार नहीं करना अर्थात हमेशा काम में मेहनत करनी चाहिए और काम को लेकर कभी कोताही या आलस्यपन नहीं करना चाहिए | जब आप मेहनत करेंगे तभी आपको सफलता मिलेगी अन्यथा बिना मेहनत के आपके हाथ हमेशा खाली रहेंगे | गुरु ने कहा है कि जमकर मेहनत करो, जो मेहनत करेगा वह सफल जरूर होगा |
- धरम दी किरत करनी अर्थात हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि अपनी जीविका ईमानदारीपूर्वक काम करते हुए चलाएं | बेईमानी से कमाया हुआ धन आपको तात्कालिक खुशी दे सकता है, लेकिन आपके जीवन में स्थाईपन मेहनत की कमाई से ही आ सकता है |
Follow the page of Rkalert.in to download all National And International Events & Festival’s congratulatory messages, Shayari, Quotes, Photo, images, HD Wallpaper, FB Whatsapp Status
Follow On Facebook | Click Here |
Join Facebook Group | Click Here |
Follow On Twitter | Click Here |
Subscribe On YouTube | Click Here |
Follow On Instagram | Click Here |
Join On Telegram | Click Here |
Topics for You
- Swami Vivekananda Wikipedia Biography History in Hindi स्वामी विवेकानन्द की जीवन कहानी / जीवन परिचय
- Lal Bahadur Shastri Biography Wikipedia in Hindi लाल बहादुर शास्त्री का जन्म से लेकर मृत्यु तक का पूरा इतिहास यहाँ से देखे
- Guru Nanak Wikipedia Biography Jivani Life History In Hindi Gurunank Dev Ji Ke Updesh गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य व उपदेश