Sachin Tendulkar Information-क्रिकेट के भगवान् और करोड़ों फैन्स के हीरो लिटिल मास्टर की जिन्दगी और उनसें जुड़ें fact आपकों यहाँ बता रहे हैं. sachin biography की पिछली पोस्ट में आपनें इस दिग्गज के रिकॉर्ड क्रिकेट प्रोफाइल और उनकीं पुरीं जीवन कहानी को जाना था. लिटिल चैंप्स के जीवन पर ‘सचिन ए बिलियन ड्रीम्स’ फिल्म भी बन चुकीं हैं | जिनमें आप तेन्दुलकर् के जीवन की प्रत्येक घटना कों स्क्रीन पर भी देख चुकें होंगें |
Sachin Tendulkar Information& 20+ Unknown Fact
सचिन ने क्रिकेट खेलना तब शुरू किया जब वे मात्र 11 वर्ष के थे. 15 साल की उम्र में मुंबई टीम में चयन हुआ. 16 वर्ष में भारतीय टीम की ओर से पहला अंतराष्ट्रीय मैच खेला |
– तेंदुलकर अर्जेंटीना के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी डीयागो माराडोना के प्रंशसक हैं इस कारण इन्होने डीयागो माराडोना की ही तरह 10 नंबर की जर्सी पहनते हैं |
-लिटिल मास्टर ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में पहला तिहरा शतक लगाया था. हालाँकि वो एक स्कुल मैच था. जिन्हेँ पूरा होने से पूर्व ही विपक्षी टीम मैदान छोड़कर चली गईं थी |
-सचिन पहलें तेज गेदबाज बनना चाहतें थे मगर कोच के सुझाव पर इन्होने बल्लेबाजी करना सिखा |
-तेंदुलकर को क्रिकेट के प्रति आकर्षित करने का श्रेय उनकें भाई अजीत तेंदुलकर को जाता हैं |
-अजित ने जब सचिन की प्रतिभा को परखा तो एक निजी कोच की आवश्यकता समझी और रमाकांत अाचरेकर के पास ले आए.
-सर आचरेकर की कड़ी मेहनत की वजह से सचिन जैसे बल्लेबाज को बनाने के पीछें इनका बड़ा हाथ था.
-आचरेकर सचिन की प्रैक्टिस के दोरान स्टाम्प पर एक सिक्का रख देते थे. इन्हे जो गिराता सिक्का उस बोलर का हो जाता था सचिन ने ऐसे ही 13 सिक्के जीते जिन्हेँ अपनें जीवन के लिए अमूल्य धन मानते हैं |
-सचिन को क्रिकेट खेलने के लिए पहला बैट उनकीं बहिन सविता तेन्दुलकर् ने दिया था. जो जम्मू कश्मीर से लाई थी. तब सचिन मात्र 5 वर्ष के थे |
-भारतरत्न ,पद्म विभूषण और राजीव गाँधी पुरुस्कार जीतने वाले पहलें क्रिकेट खिलाड़ी हैं |
-सचिन को बेहद कुल खिलाड़ी माना जाता हैं लेकिन मास्टर रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर और शेन वार्न के साथ उलझ चुकें हैं हालाँकि वे इन तकरारों का जवाब अपनें बल्ले से दिया करतें थे |
-सचिन म्यूजिक के बेहद्द शोकिन हैं. इनके पिता ने प्रसिद्ध म्युजिशयंन सचिन के नाम पर ही इनका नाम रखा था. वीरेंद्र सहवाग के साथ लिटिल मास्टर अक्सर गाने गुनगुनाते थे |
–सचिन बचपन में ही बेहद जिद्दी स्वभाव के थे माता-पिता से साइकिल की मांग की जब नही दी गईं तो हफ्ते भर तक नाराज ही बैठे रहे अचानक ग्रिल में सिर फस जाने के बाद परेशान पेरेंट्स ने उन्हें साइकिल ला दी |
-तेंदुलकर २००२तक बेहद आक्रामक बल्लेबाजी करतें थे, एक चोट की वजह से उन्हें अपनीं बैटिंग शैली में बदलाव लाना पड़ा था