Swadeshi Poem In Hindi स्वदेशी अपनाओ पर कविता Swadeshi Vastu Par Prem / Motivational Kavita Hindi Mai

  • 17-10-2023
  • Anil Saini

Swadeshi Vastu Par Kavita Poem on Swadeshi Apnao in Hindi : Hello Friends, If you are searching for Swadeshi Poem In Hindi Swadeshi Apnao poem in Hindi Swadesh Prem Kavita in Hindi, then tell you that this article has brought Swadeshi Poem In Hindi Swadeshi Vastu Par Kavita in Hindi for you. From here you can download / read Swadeshi New Poem Latest Best Swadeshi Poem in Hindi Poem on Swadeshi Apnao Hindi Mai Swadeshi Prem Poem in Hindi Swadeshi Vastu Par Kavita Swadesh Prem Kavita in Hindi Swadeshi Motivational Poem / Kabita / Kavita.

Swadeshi Poem In Hindi Swadeshi Vastu Par Kavita

अक्सर हम सभी लोग हमारे दैनिक जीवन में काम आने वाली लगभग सभी वस्तुए विदेशो में निर्मित वस्तुओ का उपयोग करते है जिसकी वजह से हमारे देश में महंगाई बढ़ रही है और देश की आर्थिक व्यवस्था में गिरावट आ रही है | इस लेख के माध्यम से स्वदेशी वस्तु अपनाने के लिए कविता लेकर आये है जिन्हें आप स्वदेशी कविता स्वदेशी पोएम इन हिंदी Poem on Swadeshi Apnao in Hindi Swadeshi Par Kavita Swadeshi Vastu Par Kavita Swadesh Prem Kavita in Hindi Swadeshi Apnao Videshi Bhagao Poem in Hindi से भी सर्च करके पढ़ या डाउनलोड कर सकते है | इन स्वदेशी कविता के माध्यम से आप लोगो को स्वदेशी वस्तुओ को अपनाने के लिए जागृत कर सकते है |

स्वदेशी कविता Swadeshi Poem in Hindi

मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मर जाऊं तो भी मेरा - होए कफन स्वदेशी
चट्टान टूट जाए, तूफान घुमड़ के आए
गर मौत भी पुकारे, तो भी लक्ष्य हो स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
जो गाँव में बना हो, और गाँव में खपा हो
जो गाँव को हँसाए , जो गांव को बसाए
वह काम है स्वदेशी, वह नाम है स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
जो हाथ से बना हो, या गरीब से लिया हो
जिसमें स्नेह भरा हो, वह चीज है स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मानव का धर्म क्या है, मानव का दर्द जाने
जो करे मनुष्यता की, रक्षा वही स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
करें शक्ति का विभाजन, मिटें पूँजी का ये शासन
बने गाँव स्वावलम्बी, वह नीति है स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
तन में बसन स्वदेशी, मन में लगन स्वदेशी
फिर हो भवन - भवन में, विस्तार हो स्वदेशी
मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी
मर जाऊं तो भी मेरा -होए कफन स्वदेशी

स्वदेशी कविता का Objective कक्षा 10 हिंदी(गोधूलि)||Swadeshi Kavita Chapter 4 Hindi ||10th Hindi 😀😘

Swadesh ke Prati Kavita Swadesh Hindi Poem

जहाँ आन, बान और शान से रिश्तो को निभाया जाता है
जहाँ अंजान मेहमान को भगवान बनया जाता है
हर एक बड़े के आदर में जहाँ शीश आज भी झुकते है
उस देश में वापिस चलते है स्वदेश में वापस चलते है

जहाँ गंगा, जमुना, सरस्वती को आज भी पूजा जाता है
मन्दिर, मज्जिद, गुरूद्वारे मैं भगवान को ढूंढा जाता है
जहाँ लोक-लाज और धर्म-कर्म की बात आज भी करते है
उस देश में वापिस चलते है स्वदेश में वापस चलते है

चौदह वर्ष वनवास काट जो पितर वचन निभाय था
चलकर धर्म की राह पर ये भारत वर्ष बनाया था
जहाँ प्राण जाए पर वचन ना जाए पर अमल आज भी करते है
उस देश में वापिस चलते है स्वदेश में वापस चलते है

वीरो की जिस धरती को कभी सोने की चिडिया कहते थे
अंग्रेजो के जुमलों को भी हँसते - हँसते सहते थे
जिस देश की मिट्टी को हम सब भारत माता कहते है
उस देश में वापिस चलते है स्वदेश में वापस चलते है

Swadeshi Poem In Hindi स्वदेशी अपनाओ पर कविता Swadeshi Vastu Par Prem / Motivational Kavita Hindi Mai

Swadesh Prem Kavita in Hindi स्वदेशी पोएम इन हिंदी

हिन्दी चीनी भाई भाई, किसने यह बात चलाई
धोखा दगा चीन की फितरत, सीधे कभी लड़े न लड़ाई
गुरु है चीन पाक है चेला, दोनों की हो गई है सगाई
जब देखो तब वीटो करता, अज़हर मसूद है इसका भाई
कर दो नेस्तनाबूत चीन को, इसके सामानों की करो विदाई
अगर न खरीदेंगे चीनी वस्तु, अर्थ व्यवस्था इसकी चरमराई
रो रो कर ये पांव लगेगा, फिर न करेगा पाक की अगुवाई
कसम तुम्हे है भारतीय बंधू, आओ लड़े अब चीन से लड़ाई
दिवाली पर चीनी झालर, जले न किसी भी घर मेरे भाई
चीनी सामानों को ना कह दो, कर दो इसकी मूड़ पिटाई
आओ अब स्वदेशी अपनाएं, हिन्दी चीनी नहीं हैं भाई भाई

Poem on Swadeshi Apnao in Hindi

जिएं तो बदन पर स्वदेशी वसन हो
मरें भी अगर तो स्वदेशी कफ़न हो

पराया सहारा है अपमान होना
जरूरी है निज शान का ध्यान होना
है वाजिब स्वदेशी पे कुर्बान होना
इसी से है संभव समुत्थान होना
लगन में स्वदेशी के हर मुर्दो ज़न हो

निछावर स्वदेशी पे, कर माल जर दो
स्वदेशी से भारत का भंडार भर दो
रहे चित्र-से, वह चकाचौंध कर दो
दिखा पूर्वजों के लहू का असर दो
स्वदेशी ही सज-धज, स्वदेशी चलन हो

चलो, इस तरफ़ अपना चरख़ा चला दो
मनों सूत की ढेरियां तुम लगा दो
बुनो इतने कपड़े, मिलों को छका दो
जमा दो, स्वदेशी का सिक्का जमा दो
स्वदेशी ही गुल, औ स्वदेशी चमन हो

करो प्रण कि आज़ाद होकर रहेंगे
जहां में कि बरबाद होकर रहेंगे
सितमगर ही या शाद होकर रहेंगे
कि हम शादो-आबाद होकर रहेंगे
स्वदेशी ही ‘अख़्तर’ स्वदेशी कथन हो

Swadeshi Apnao Videshi Bhagao Poem in Hindi

अब तो खादी से प्रेम बढ़ाओ, पिया
कहा मानो, विदेशी न लाओ पिया

अब विदेशी वस्त्र से मुझको भी नफ़रत हो गई
देश की संपत्ति विदेशों में से बहुत-सी ढो गई
ज़रा भारत की दौलत बचाओ, पिया

अब स्वदेशी वस्त्र से अपना शरीर सजाइए
और मेरे वास्ते साड़ी स्वदेशी लाइए
मुझे खादी का चादर ओढ़ाओ, पिया

दीन-दुखियों का यही दुख दूर कर सकती, पिया
गर्व भी परदेसियों का चूर कर सकती, पिया
लाज अंगों की मेरे बचाओ, पिया

जब तलक जिंदा रहें तन पर रहे देशी वसन
बाद मरने के उसी का, चाहिए हमको कफ़न
यह संदेशा सभी को सुनाओ, पिया

चाहते हो देश की अगर कुछ भलाई तो
स्वदेशी वस्त्र पहनाकर स्वदेशी हो सुवेश
वीरता आप अपनी दिखाओ

Swadesh Prem Poem in Hindi स्वदेशी पर कविता

स्वदेशी अपनाओ अगर विदेशी से अच्छा है
संज्ञा नहीं कार्य ही स्वेच्छा की एक सुरक्षा है
पहले तोलो फिर बोलो नीति कितनी सही है
दूध से मिठाइयाँ,लस्सी और बनती दही हैं

सही का दम भरो और गलत तुम खत्म करो
आनंदमग्न रहो अपनी ख़ुशी में न मातम भरो
जलवा ऐसा हो जिसे दुनिया झुक सलाम कर
नेकियाँ तुम करते चलो सुबह-शाम-से निखरे

सामने जो आए साथी तुम्हारा एक बनता रहे
स्वदेशी का नारा तन-मन में समाए तनता रहे
शरीर में प्राणों का सिलसिला होता है जैसा
हमें प्रेम करना है हृदय से स्वदेशी को वैसा

देशप्रेम का बीज हर जन में देखो बोना चाहिए
करतब ऐसे करो कि नाम तुम्हारा होना चाहिए
जो देखे सुने वो तुम्हारा दीवाना एक बन जाए
सूर्य-चन्द्र-सा हमसफ़र हो अफ़साना जन जाए

अपनेपन का अहसास हो बस फूल-खुशबू-सा
मिलना महकना खिलना बिखरना फूल-खुशबू-सा
स्वदेशी अपनाओ चाहो सराहो और मुस्क़राओ
विदेशी तजो भजो स्वदेशी मिलो एक हो जाओ

आइए हम सब मिलकर अपने अन्दर स्वदेश प्रेम की तरह स्वदेशी वस्तुओं का प्रेम भी जगाएँ, और स्वदेशी से स्वावलम्बी भारत के इस सपने को सच बनाएँ | व्यवस्था परिवर्तन के इस महाआन्दोलन में स्वदेशी का पालन करके भारत को स्वदेशी से स्वावलम्बी बनाने के इस महायज्ञ में योगदान दें | अपने मित्रों ,सगे संबंधियों के अन्दर भी राष्ट्रप्रेम के साथ साथ स्वदेशी प्रेम की भावना जगाएँ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें | स्वदेशी अपनाओ विदेशी कम्पनियों की लूट से भारत को बचाओ, स्वदेशी अपनायें, देश बचाएँ |

सभी देवी-देवताओ पर शायरी फोटो डाउनलोड करने, पशु-पक्षियों जिव-जंतुओ व प्रकृति से मिलने वाले शुभ-अशुभ संकेतो और राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले Events & Festival से सम्बंधित बधाई/शुभकामना सन्देश, शायरी FB Whatsapp Status Instagram Caption, Full HD Wallpaper Photo images DP Profile Pics इत्यादि डाउनलोड करने के लिए विजिट करे www.Rkalert.in पर | और सबसे पहले Shayari, Photo, Status डाउनलोड करने के लिए निचे दी गई Rkalert.in के सोशल मीडिया पेज को Follow व ग्रुप Join करे |

Follow On Facebook Click Here
Join Facebook Group Click Here
Follow On Twitter Click Here
Subscribe On YouTube Click Here
Follow On Instagram Click Here
Join On Telegram Click Here

Topics for You

Popular Content