प्यार और तकदीर कभी साथ – साथ नहीं चलते क्योकि जो तकदीर में होते है उनसे कभी प्यार नहीं होता और जिससे हमे प्यार हो जाता है वह तकदीर में नहीं होता राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
श्याम तेरे नाम को होठो पर सजाया है मैंने तेरे रूह को अपने दिल में बसाया है मैंने दुनिया तुम्हे ढूंढते-ढूंढते हो जाएगी पागल दिल के ऐसे कोने में छिपाया है मैंने राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
हर पल, हर दिन कहता हैं कान्हा का मन तू कर ले पल-पल राधा का सुमिरन राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी मेरे पास वक्त कम हैं, और बाते हैं ढेर सारी राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
काश मैं कोई ऐसा जुर्म करू की सजा मिले हर्जाने में मेरा जीवन बीते वृंदावन में और मौत मिले बरसाने में राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर निकाह होता तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता राधे-राधे जय श्रीकृष्णा