Bhai Par Kavita Short And Long Poem On Brother

रक्षा बंधन और भाई दूज भाई बहन के प्यार का त्यौहार है | ये वो ही त्यौहार है जिस दिन एक भाई अपनी बहन की रक्षा के लिए वचन देता है | भाई बहन के पवित्र रिश्ते को ओर मजबूत बनता है | इस विशेष दिन के लिये Bhai Bahan Kavita Hindi और Raksha Bandhan Rakhi Bhai Dooj Par Chote Bade Bhai Par Poem Bhai Dooj Par Chote Bade Bhai Ke Liye Kavita Poem हमने आपको निचे दी है |ये विशेष भाई पर कविता आपके दिल को जरूर छू लेगी | तो पेश है भाई दूज रक्षा बंधन पर छोटे बड़े भाई बहन के लिये कविता निचे दी जा रही है |

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मेरे प्यारे भाई
हो तुम मुझसे छोटे
लेकिन रिश्ते यूँ निभाते हो
जैसे हो मेरे से बड़े
जीवन पथ पर चलत चलत
जब मेने ठोकर खाई
सर ऊँचा कर देखा
साथ तुम्हारा पाई |

जब तुमने मुझे देखा
मुख मलिन था मेरा
फिर तुम कभी न खुश रहते
तुम्हारी हर कोशिश मुझे खुश रखने की
लेकर आगे कदम बढ़ाया
सर उठा कर देखा तो
हाथ तुम्हारा आगे पाया |

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आँखों में आसूं मेरे होते
मायूस तुम नजर आते
सांत्वना की बड़ी टोकरी ले
मेरे सामनेसदा तुम्हे ही पाया
सिर उठाकर देखा तो
पास तुम्हे ही पाया ||

कोई परेशानी न हो ऐसी
जिसका समाधान न तुमने पाया
मेरे से ज्यादा विश्वास तुमपर
सदा आधार उसे बनाया
सर उठाकर देखा तो
हाथ तुम्हारा आगे पाया ||

चंदा मामा से प्यारा मेरा मामा
सब बच्चों से हमेशा गाया
बाल मन पढने में माहिर
क्या तुमने जादू छड़ी घुमाया
जो काम तेरी बहन नही कर पाती
मेरे भैया तुमने झट से कर दिखाया
सर ऊँचा कर देखा तो
सामने तुम्हे ही खड़ा पाया | |

हर ख़ुशी में हर गम में आपका साथ हो
मेरे भाई तुम पापा के सर ताज हो
सभी बहनों की खुशियों का तुम ही एक राज हो
तुम ही तो रक्षाबन्धन (राखी) की लाज हो
वैसे तो पत्थर की तराह कठोर हो
लेकिन पर मुसीबत आने पर मोम की तरह पिघलते हो |
कैसे जाने बिन बताये मन की बात कैसे जान लेते हो
बहनों की परेशानीयों को अपनी मान लेते हो
हर ख़ुशी में हर गम में आपका साथ हो
मेरे भाई तुम पापा के सर ताज हो

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