आज के समय में हर शहर हर राज्य में कही ना कही बलत्कार की घटना सुनने को मिलती रहती, कोई ना कोई मासूम सी लड़की हवस के दरिंदो का शिकार होती रहती हैं | जिन बच्चियों को नवरात्रि में पूजा जाता है उनके साथ ऐसा जघन्य अपराध पूरे समाज को शर्मसार कर देता है | न्याय के नाम पर राजनीति होने लगती है | लोग अपने जाति और धर्म के अपराधी को बचाने लगते है | ऐसे में अपराधी के खिलाफ आवाज उठाने का एक ही रास्ता बचता है और वो है सोशल मीडिया | हम सबको पीडिता व पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए |
वो ज़िस्म का भूखा मोहब्बत के लिबास में मिला था
पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला था
उस शिक्षा प्रणाली को भी बदलने की जरूरत है
जो किसी बलात्कार जैसी समस्या का समाधान न निकाल सके
और उस क़ानून व्यवस्था को भी बदलने की जरूरत है
जो बलात्कारी के अंदर डर को पैदा न कर सके
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शायद उस दिन ताला टूटे संविधान की पेटी का
जिस दिन जिस्म निचोड़ा जाएगा किसी मंत्री की बेटी का
बलात्कारियों की बढ़ रही तादात,
इनके गुनाहों को क्योँ छुपाते हो,
हर उम्र की बेटियों का ये करते शिकार,
क्योँ नहीं इन्हें फाँसी पर लटकाते हो।
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लुटेरा है अगर आज़ाद तो अपमान सबका है
लुटी है एक बेटी, तो लुटा सम्मान सबका है
बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मज़हब की
लड़ो मिलकर दरिंदो से, ये हिन्दोस्तान सबका हैं
इस कदर सत्ता के तुम प्यासे हो,
गद्दी के लिए दुश्मन से भी हाथ मिलाते हो,
देश की बहन बेटीयाँ पूरे भारत की है,
क्योँ सुअरों को सज़ा नहीं दिलवाते हो?
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स्याही सूख नही पाती है अखबारों की
नई खबर आ जाती है बलात्कारों की
नारी का जब और जिसने अपमान किया है
उसका सर्वनाश निश्चित हो गया है
चाहे रावण को देख लो, चाहे कौरव को देख लो
अपने ज्ञान चक्षु को खोलकर कुछ सीख लो
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कैसे रोका जायेगा इन बढ़ते बलात्कारों को
यह सोचना होगा सत्ता में बैठी सरकारों को