5वीं के बच्चों को फेल नहीं करने का आदेश, देखें किस राज्य में लागू होगा ये नियम

कक्षा 5वीं में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी | 5वीं में फ़ैल होने का डर आप अपने दिल और दिमाग से निकाल दो | चाहे आप कमजोर विद्यार्थी की श्रेणी में हो या होशियार विद्यार्थी की, छठी क्लास में प्रमोट हो जाओगे | 5वीं के बच्चों को फेल नहीं करने पर HC का फैसला आ गया है |

अगर आपका बच्चा 5वीं क्लास में पढता है और पढाई में कमजोर है जिसकी वजह से आपको हर समय उसका फ़ैल होने का डर लगा रहता है तो आपको जानकर ख़ुशी होगी की दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी स्कूलो के लिए आदेश जारी करते हुए फैसला दिया है की अब 5वीं के बच्चों को फेल नहीं कर सकते |

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5th Class

सिंगल जज की बेंच ने अलकनंदा के सेंट जॉर्ज स्कूल में पढ़ने वाले अर्नव शर्मा नाम के एक स्टूडेंट की याचिका पर ये टिप्पणियां कीं | शर्मा की याचिका में तर्क दिया गया कि उसने फरवरी 2024 में सालाना एग्जाम दिए थे, लेकिन स्कूल ने उनका रिजल्ट घोषित नहीं किया | बजाए इसके, उन्हें दोबारा एग्जाम में बैठने के लिए कहा, जो 6 मार्च, 2024 और 18 मार्च, 2024 के बीच हुए थे | बच्चा दोबारा परीक्षा में बैठा। स्कूल ने रिजल्ट घोषित करते हुए कहा कि वह परीक्षा में फेल हो गया है और उसे छठी क्लास में प्रमोट नहीं किया जा सकता |

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इसके बाद शर्मा ने हाई कोर्ट का रुख करते हुए डीओई के आदेशों को इस आधार पर रद्द करने का अनुरोध किया कि यह बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई अधिनियम) की धारा 16 का उल्लंघन करता है | कोर्ट ने मामले पर विचार किया और कहा कि याचिका में यह नहीं बताया गया है कि सरकारी आदेशों ने आरटीई अधिनियम की धारा 16 का उल्लंघन कैसे किया |

जस्टिस सी हरि शंकर ने अपने जजमेंट में कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग (डीओई) ने शिक्षा का अधिकार नियम (आरटीई नियम) के नियम 21ए द्वारा मिली शक्ति का इस्तेमाल करते हुए 2 अक्टूबर, 2022 और 22 अगस्त, 2023 को आदेश जारी किए थे | इन आदेशों को शिक्षा निदेशालय में निहित क्षेत्राधिकार से ज्यादा नहीं कहा जा सकता है |

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